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दलहन किसान भयभीत, चेहरों पर चिंता की लकीरें

रवि फसल (दलहन) के मुख्य उत्पादक क्षेत्र में शुमार बड़हिया टालक्षेत्र से जुड़े किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी है। जिसका एकमात्र कारण पुनः उनके जीविका में शामिल कृषि कार्यो के प्रभावित होने का डर ही है। बीते पांच सात वर्षों से करीब हर वर्ष ही पिछात हो रहे खेती का दंश फिर किसानों को सताने लगा है। मंगलवार को हुए मूसलाधार बारिश तथा नदियों में पुनः एक बार जलस्तर बढ़ने की मिल रही जानकारी से किसान भयभीत हुए हैं।

प्रखंड के विभिन्न पंचायत अंतर्गत बहादुरपुर, मनोहरपुर, एजनिघाट, गिरधरपुर आदि में धान उत्पादन में लगे किसानों ने कहा कि मंगलवार को हुए बारिश से धान को लाभ ही हुआ है। परंतु अब और बारिश फसल के लिए घातक सिद्ध होगा। तो वहीं नगर व प्रखण्ड के दलहन उत्पादक किसानों ने कहा कि हुए इस बेमौसम बारिश से खेतो में काफी नमी हो गई है। साथ ही निचले भाग में स्थित बहुतायत खेतो में पानी भी लग गया है। जिससे ससमय बुआई पर खतरा मंडराता दिख रहा है। हालांकि अब भी प्रकृति साथ दे और अब बारिश न हो तो हद तक किसानों को राहत मिल सकते हैं।

जानकारी हो कि दलहन बुआई को किसान कार्तिक लगौनि के नाम से संबोधित करते हैं। जिसका कारण दलहन बुआई का उपयुक्त समय 15 से 30 अक्टूबर का होना है। पट्टे पर खेत लेकर खेती करने वाले किसानों के समक्ष भविष्य के प्रति भय और संशय की स्थिति बनी हुई है।
बड़हिया फोटो 02 और 03: बारिश बाद धान और दलहन खेतों की स्थिति

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