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न्यायालय व जनता दरबार के आदेश के बावजूद, वृद्ध हक से महरूम

जमीनी विवाद के निपटारे को लेकर आयोजित होने वाले जनता दरबार से हक मिलने के बावजूद अपने ही जमीन पर कब्जे से वंचित 75 वर्षिय वृद्ध ने अब मुख्यमंत्री से मिलकर गुहाड़ लगाने की उम्मीद लगा रखी है। नपं के वार्ड संख्या 16 निवासी अमीरक राम का कहना है कि जगरूप यादव के द्वारा मुझे मेरे ही जमीन पर रहने नहीं दिया जा रहा है।

जानकारी अनुसार बीते समय में जगरूप यादव द्वारा जबरन दीवार तोड़ करकट का शेड डालकर गाय बांध दिए जाने का मामला जनता दरबार के साथ ही निचली अदालत में भी चला था। विवादित चार डिसमिल भूमि खाता 919 और खसरा संख्या 3550 को लेकर जनता दरबार के निर्णय में स्थल पर शांति बनाए रखने का निर्देश जारी किया गया है। निर्देश के आधार को कलमबद्ध करते हुए सीओ लिखते हैं कि विवादित भूमि पर ना सिर्फ अमीरक राम का घर है, बल्कि उनके पास लगान रसीद भी उपलब्ध है। जबकि ऐसा कोई कागजी साक्ष्य विपक्षी जगरूप यादव के द्वारा पेश नहीं किया जा सका है।

दरबार के निर्णय बावजूद दखल नहीं हो पाने की स्थिति में वृद्ध द्वारा मुख्यमंत्री सचिवालय तक में भी गुहाड़ लगाया जा चुका है, जिसपर सचिवालय द्वारा बीते जनवरी माह में ही जिलाधिकारी को प्रेषित किये गए पत्र में विषयक कार्यवाई किये जाने को कहा गया है। लंबे समय बाद भी पदाधिकारियों द्वारा दिलवाए जाने वाले हक व कब्जे से वंचित वृद्ध ने अब राज्य के मुखिया मुख्यमंत्री से ही उम्मीद लगा रखी है।

इस संबंध में सीओ रामआगर ठाकुर ने बताया कि जनता दरबार में उपस्थित दोनों पक्षों के आपसी सहमित के बीच अमीरक राम के हक में फैसला दिया जा चुका है। फैसले पर हस्ताक्षर के साथ सहमति जताने के बावजूद जमीन पर जबरन हक रखने के मामले में जगरूप यादव पर कानूनी कार्यवाई की जाएगी।

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