बड़हिया: सोमवार को राजकीय उच्च विद्यालय बड़हिया के सभागार में साहित्य सर्जना परिषद के अध्यक्ष व बड़हिया के चर्चित साहित्यकार डा सत्येन्द्र अरूण द्वारा रचित...
Category - साहित्य
आखिरी चिट्ठी- (मथुरा प्रसाद नवीन) अंत में हम तोरा तरफ से एगो पता लखिलियन है, भगवान के श्री श्री सोसती, सरब उपमा जोग, धरम औतार, धरम के मूरत नामधारी श्री श्री एक...
जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रांगन में मगही के कबीर स्व मथुरा प्र नवीन की पुण्यतिथि पर हुआ कवि सम्मेलन का आयोजन साहित्य सर्जना परिषद के तत्वावधान में किया गया था...
“शब्द शब्द में शोला भरके तोहरे गीत सुनैबो हम कसम खाहियो गंगा जी के कलम न कभी घुमैबो हम तोहरा खातिर सबकुछ करबो, भुक्खल भी मुसकैबो हम अत्याचार मिटाबै खातिर...
बड़हिया: बिहार के जानेमाने व अपने समय के चर्चित मगही कवि स्व मथुरा प्रसाद नवीन की पुण्यतिथि के अवसर पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 17 दिसम्बर को जवाहर नवोदय...
देर हो जेतने हिंया, ओतने अंधेर हो घर के बिलाय हिंया, जंगल के शेर हो खबरदार… सीझल हो देह तोहर, फेर कोय उबालो नय समय हो कीमती, ऐकरा कोय टालो नय जान बूझ के...
मथुरा प्रसाद नवीन कहिया तक सरकार चलत- अजी मिसिर जी पतरा देखो, कहिया तक सरकार चलत, महज एक कुर्सी के खातिर, कहिया तक तकरार चलत| कहिया तक सब जनता जकरल रहतै जम के...
कवि नवीन जी की रचित एक और रचना जो मगही भाषा से अलग है- यह क्रांति नहीं तो क्या है यह गदर नहीं तो क्या है लो लिख लो मेरी बातों को, क्रांति के नये उत्पादों को हो...
हर हस्ती हमर हिमालय हय MATHURA PRASAD NAVIN मथुरा प्रसाद नवीन- दुश्मन कोय आंख देखइतय नय, सीमा में हमर समइतय नय, ई सस्य सयामला धरती के अंचरा में दाग लगइतय...